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गुरुवार, 30 सितंबर 2010
फिर वही राह
मैं दूर कही नहीं था लेकिन आज थक कर बैठा ढून्ढ रहा हु फिर वही राह
2 टिप्पणियां:
ek line main kafi kuch kaha aapane
dur hoke kam-se -kam yaad to paaas thi,
aaj paltke dekhti hu to naa yaad hi
bachi hai or na ehsaash hi bacha hai...
bhut gehre vaab hai inke....very nice...
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