हम आ रहे है!!!!!!!!!
ऐ दुनियावालो थाम लो अपनी धड़कने
रोक लो अपनी साँसे
क्योकि एक बार फिर इस दुनिया पर राज करने
हम आ रहे है.......
हम आ रहे है.......
नदियों का रुख मोड़ने , तुफानो को रोकने
पर्वतो को फोड़ने, समंदर की लहरों को जोड़ने
हर परम्परा को तोड़ने ,हर किसी को पीछे छोड़ने
हार को हार से हराने , जीत को जीत से जीतने
हम आ रहे है
क्योकि एक बार फिर इस दुनिया पर राज करने
हम आ रहे है.......
हम आ रहे है.......
रुक ज़रा ऐ दुश्मन ऐसे ही कह चला आ रहा है
अंदाजा नही तुझे हमारी ताकत का , जो ख़ुद पे यु इतर रहा है
हार बार ज़ंग मै जीतना हमारी तो आदत बन गयी है
पर तू क्यो हार बार हारने की आदत बना रहा है
चेतावनी हम देते नही सिर्फ़ वार किया करते है
एक बार फिर समझा रहे है रोकले अपने आप को
रुकजा
क्योकि हम आ रहे है........
क्योकि हम आ रहे है........
इतिहास गवाह है , ये चाँद तारे गवाह है
जब भी हुआ है हमारा सामना आग के दरिया से
शोला बनकर उसमे से गुजरे है
हुआ जब सामना हमारा आकाश से
कहर बनके उसपे यु बरसे है
के ज़मीन हमसे थार थार यु कांपती
क्योकि वो भी हमारी ताकत को है जानती
समंदर के अन्दर गहरे की थाह लेने पहुचेंगे हम
ये हम नही दुनिया हमें है मानती
अब नई बिसात के सिपाही भी इंतज़ार हमारा कर रहे है
क्योकि दुनिया पर राज करने हम आ रहे है
हम आ रहे है...........
हम आ रहे है..........
मेरी लिखी एक बेहद ही ख़ास कविता जिससे मै भी हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा लेता हूँ ।
------ लोकेश पिडावेकर ------
ऐ दुनियावालो थाम लो अपनी धड़कने
रोक लो अपनी साँसे
क्योकि एक बार फिर इस दुनिया पर राज करने
हम आ रहे है.......
हम आ रहे है.......
नदियों का रुख मोड़ने , तुफानो को रोकने
पर्वतो को फोड़ने, समंदर की लहरों को जोड़ने
हर परम्परा को तोड़ने ,हर किसी को पीछे छोड़ने
हार को हार से हराने , जीत को जीत से जीतने
हम आ रहे है
क्योकि एक बार फिर इस दुनिया पर राज करने
हम आ रहे है.......
हम आ रहे है.......
अंदाजा नही तुझे हमारी ताकत का , जो ख़ुद पे यु इतर रहा है
हार बार ज़ंग मै जीतना हमारी तो आदत बन गयी है
पर तू क्यो हार बार हारने की आदत बना रहा है
चेतावनी हम देते नही सिर्फ़ वार किया करते है
एक बार फिर समझा रहे है रोकले अपने आप को
रुकजा
क्योकि हम आ रहे है........
क्योकि हम आ रहे है........
इतिहास गवाह है , ये चाँद तारे गवाह है
जब भी हुआ है हमारा सामना आग के दरिया से
शोला बनकर उसमे से गुजरे है
हुआ जब सामना हमारा आकाश से
कहर बनके उसपे यु बरसे है
के ज़मीन हमसे थार थार यु कांपती
क्योकि वो भी हमारी ताकत को है जानती
समंदर के अन्दर गहरे की थाह लेने पहुचेंगे हम
ये हम नही दुनिया हमें है मानती
अब नई बिसात के सिपाही भी इंतज़ार हमारा कर रहे है
क्योकि दुनिया पर राज करने हम आ रहे है
हम आ रहे है...........
हम आ रहे है..........
मेरी लिखी एक बेहद ही ख़ास कविता जिससे मै भी हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा लेता हूँ ।
------ लोकेश पिडावेकर ------
5 टिप्पणियां:
That was awsome man! She(the poem) got the most beautiful lines in the world MAN...
thnx dude 4 ur lovely comments
really gud one yaar...........
excellent
i think this word can only describe its beauty
very good yaar
keep it up
I think we shud have right vision to chase d success, what i thought before writing it......
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